महेश एलकुंचवार लिखित प्रसिद्ध नाटक ‘आत्मकथा’ का प्रदर्शन इण्डिया हैबिटेट सेंटर में 13 और 14 अगस्त को होने वाला है.…
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प्रसिद्ध लेखक मनोहर श्याम जोशी अगर जीवित होते तो आज 80 साल के हो जाते. 9 अगस्त 1933 को पैदा…
आज शैलजा पाठक की कविताएँ. इनकी कविताएँ में छोटे-छोटे कस्बों के बड़े बड़े सवाल हैं. इन कविताओं का कस्बाई मन…
आज मुख्यधारा की मीडिया में प्रेमचंद की जयंती पर उनको याद करते हुए कुछ अच्छे लेख प्रकाशित हुए हैं. ‘जनसत्ता’…
कुछ दिनों पहले वरिष्ठ कवयित्री सुमन केसरी ने मोनालिसा को लेकर कुछ कवितायेँ लिखी थी. आज समकालीन कवयित्री कलावंती की…
स्वाति अर्जुन को हम एक सजग पत्रकार के रूप में जानते रहे हैं, वह एक संवेदनशील कवयित्री भी हैं इसका…
प्रियदर्शन की ये कविताएं प्रासंगिक भी हैं और बहुत कुछ सोचने को विवश भी करती हैं- ‘जानवरों से हमें माफ़ी…
पेशे से प्राध्यापिका सुनीता एक संवेदनशील कवयित्री हैं. कुछ सोचती हुई, कुछ कहती हुई उनकी कविताओं का अपना मिजाज है. उनकी…
हाल में ही युवा लेखक दुष्यंत का कहानी संग्रह पेंगुइन से आया है ‘जुलाई की एक रात’. समकालीन जीवन के…
मारियो वर्गास योसा के उपन्यास ‘बैड गर्ल’ की नायिका पर यह छोटा-सा लेख मैंने ‘बिंदिया’ पत्रिका के लिए लिखा था.…