आज से इण्डिया हैबिटेट सेंटर का भारतीय भाषा महोत्सव ‘समन्वय’ शुरू हो रहा है. इसमें इस बार भोजपुरी के दुर्लभ…
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कुमार अनुपम की कविताएँ समकालीन कविता में अपना एक अलग स्पेस रचती है- ‘अपने समय की शर्ट में एक्स्ट्रा बटन की…
दूरदर्शन की नई पहल है ‘दृश्यांतर’. ‘मीडिया, साहित्य,संस्कृति और विचार’ पर एकाग्र इस पत्रिका का प्रवेशांक आया है. जिसमें सबसे…
दुर्गा के बहाने कुछ कविताएँ लिखी हैं युवा कवयित्री विपिन चौधरी ने. एक अलग भावबोध, समकालीन दृष्टि के साथ. कुछ…
संजय गौतम कम लिखते हैं लेकिन मानीखेज लिखते हैं. उदाहरण के लिए यही लेख जिसमें इब्ने इंशा की किताब ‘उर्दू…
‘लमही सम्मान’ के सम्बन्ध में सम्मान के संयोजक और ‘लमही’ पत्रिका के संपादक विजय राय द्वारा यह कहे जाने पर…
‘देर आयद दुरुस्त आयद’- यह मुहावरा अंजू शर्मा के सन्दर्भ में सही प्रतीत हो है. उन्होंने कविताएँ लिखना शायद देर…
मनीषा कुलश्रेष्ठ हमारी भाषा की एक ऐसी लेखिका हैं जिनको पाठकों और आलोचकों की प्रशंसा समान रूप से मिली हैं. उनकी…
शैलप्रिया स्मृति सम्मानएक दिसंबर 1994 को झारखंड की सुख्यात कवयित्री और स्त्री-संगठनों से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता शैलप्रिया का कैंसर की…
हाल में नैरोबी में हुए आतंकी हमले में घाना के कवि कोफ़ी अवूनोर भी मरने वालों में थे. उनकी एक लम्बी…