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वैस्टलैंड बुक्स / यात्रा बुक्स की कहानी 140 योजना को लेकर हमारे पास भी बहुत से लोगों के सवाल आए कि किस तरह से इस योजना का हिस्सा बना जाए? किस तरह से १४० कैरेक्टर्स में कहानी लिखी जाए? वगैरह-वगैरह. ऐसी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए ही हमने यात्रा बुक्स की निदेशिका नीता गुप्ता से बात की- जानकी पुल===========१. क्या आपको लगता है हिंदी में १४० कैरेक्टर्स में कहानी लिखी जा सकती है?मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं! १४० कैरेक्टर्स की समस्या किसी भी भाषा के साथ आ सकती, क्रिएटिविटी ज़रूरी है। २. ट्विटर पर हिंदी वाले कम हैं. ऐसे में…

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वरिष्ठ कवि-आलोचक विष्णु खरे ने कवि चंद्रकांत देवताले को अकादेमी पुरस्कार मिलने पर एक टिप्पणी लिखी थी. उस ‘टिप्पणी में उन्होंने हमारे एक प्रिय और सम्मानित कवि की प्रशंसा के साथ-साथ एक तिरस्कार भाव दिखाते हुए यह भी कहा कि लीलाधर जगूड़ी, राजेश जोशी, मंगलेश डबराल, वीरेन डंगवाल और अरुण कमल को \”निर्लज्ज षड्‌यंत्रों\’ से अकादेमी पुरस्कार दिया गया जिसे उन्होंने \”मैचिंग बेशर्मी\’ से स्वीकार कर लिया और यह कि वे इसे \”अक्षम्य\’ मानते हैं।‘ इसका प्रतिवाद जानकी पुल को वरिष्ठ कवियों लीलाधर जगूड़ी, राजेश जोशी, वीरेन डंगवाल, मंगलेश डबराल के हस्ताक्षर से प्राप्त हुआ है. हम उसे अविकल प्रस्तुत कर रहे हैं- जानकी पुल.=================================== === कोलकाता से प्रकाशित दैनिक …

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अब जल्दी ही लंबी कहानियां लिखने वाले हिंदी-लेखकों को छोटी-छोटी कहानियां लिखने वाले लेखक चुनौती देने वाले हैं. 24 से २8 जनवरी के बीच आयोजित होने वाले जयपुर साहित्योत्सव में वैस्टलैंड बुक्स / यात्रा बुक्स की तरफ से कहानी 140 की घोषणा की जाने वाली है. जी हाँ, ट्विटर के लिए 140 अक्षरों की कहानी लेखन की प्रतियोगिता. हिंदी में जिन लोगों ने ‘लप्रेक’ लिखने की शुरुआत की थी उनके लिए भी 140 अक्षरों में कहानी लिखना चुनौतीपूर्ण होगा. बहरहाल, तो अब कहानी 140 अक्षरों की होगी. 140 अक्षरों में अर्थपूर्ण कहानी लिखिए और पुरस्कार पाइए. मैंने तो शुरुआत कर दी है. आप भी…

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अशोक वाजपेयी के जन्मदिन पर जानकी पुल की ओर से शुभकामनाएं. ================================================अशोक वाजपेयी आज 72 साल के हो गए. इस उम्र में भी उनकी सक्रियता नई पीढ़ी के लिए प्रेरणाप्रद है. हर हफ्ते ‘जनसत्ता में प्रकाशित होने वाला उनका स्तंभ निस्संदेह किसी हिंदी लेखक का सबसे अधिक नियमित और सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला कॉलम है. हिंदी के पाठकों के लिए एक तरह से यह कॉलम विश्व साहित्य के झरोखे की तरह है, हालांकि यह कॉलम केवल विश्व साहित्य को लेकर नहीं है. इस स्तंभ के माध्यम से पता चलता है कि वे नियमित तौर पर कितना पढते हैं. एक वरिष्ठ…

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खंडवा की संस्था \’अनवरत\’ की ओर से दिया जाने वाला शमशेर सम्मान श्री ओम थानवी की पुस्तक \’मुअनजोदडो\’ और नरेश सक्सेना के कविता संकलन \’सुनो चारुशीला\’ को दिए जाने की घोषणा की गई है. दोनों सम्मानित रचनाकारों को जानकी पुल की ओर से बधाई.============================================== वर्ष 2012 का प्रतिष्ठित ‘शमशेर सम्मान’ कविता के लिए कवि नरेश सक्सेना व सृजनात्मक गद्य के लिये लेखक सम्पादक ओम थानवी को समर्पित किया गया है। संयोजक डा0 प्रतापराव कदम ने बताया कि कवि शमशेर बहादुरसिंह की पुण्यतिथि 12 मई 2013 को लखनऊ उ.प्र. में यह सम्मान समारोह पूर्वक प्रदान किया जायेगा । सम्मान…

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विष्णु खरे जी के लेख पर अशोक वाजपेयी जी ने एक कमेन्ट किया था. आज विष्णु खरे का एक पत्र उस कमेन्ट के सन्दर्भ में प्राप्त हुआ, जिसे हम अविकल यहां प्रस्तुत कर रहे हैं- जानकी पुल.========================================================== भाई,तथ्यों की ग़लतियों को मैं भी नज़रंदाज़ नहीं करता। मैं अभी भारत में नहीं हूँ इसलिए विस्तार में जा नहीं सकता।यदि ऐसी चूक मुझसे हुई है तो मैं अशोक वाजपेयी, उनके सारे पाठकों और मेरी वह टिप्पणी प्रकाशित करने और उसे पढ़ने वालों से मुआफी चाहता हूँ। मुझे वेरिफाई करके लिखना चाहिए था।दो बातें फिर भी कहना चाहूँगा। कथित रूप से स्वशासी होते हुए भी साहित्य अकादेमी…

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कथाकार ओमा शर्मा को हाल में ही रमाकांत स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उस अवसर पर उन्होंने जो वक्तव्य दिया था आज आपके लिए प्रस्तुत है- जानकी पुल.=========================================मैं रमाकांत स्मृति पुरस्कार की संयोजन समिति और इस वर्ष के निर्णायक श्री दिनेश खन्ना का अभारी हूं जिन्होंने इस वर्ष के इस कहानी पुरस्कार के लिए मेरी कहानी ‘दुश्मन मेमना’ को चुना। हिन्दी कहानी के लिए दिये जाने वाले इस इकलौते और विशिष्ठ पुरस्कार की पिछले बरसों में जो प्रतिष्ठा बनी है, उस कड़ी में स्वयं को शामिल होते देख मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। कोई भी पुरस्कार किसी रचना…

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युवा कवि त्रिपुरारि कुमार शर्मा की ये कविताएँ हमें कुछ सोचने के लिए विवश कर देती हैं, हमारी मनुष्यता पर सवाल उठती हैं- जानकी पुल.============================ 1. वाल ऑफ़ डेमोक्रेसी जब इंडिया गेट के माथे पर मोमबत्तियाँ जलती हैं तो उसकी सुगंध में सनक उठता है ‘जंतर-मंतर’ ‘सज़ा’ के झुलसे हुए उदास होंठों पर एक चीख़ चिपक जाती है काले जादू की तरह लोग कहते हैं ‘समय’ को सिगरेट की आदत है मैं तलाशने लगता हूँ अपनी बेआवाज़ पुकार जो गुम गई है एक लड़की की मरी हुई आँखों में लड़की, जो अब ज़िंदा है महज शब्दों के बीच…। भेड़िए…

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युवा कवि रविभूषण पाठक ने नए साल की बधाई कुछ इस तरह से दी है- जानकी पुल.=========================================================नया साल भी बेमौका ही आता हैजबकि पछता फसल भी पहुंच जाती है घरखलिहान में चूहों तक के लिए दाने नहीं और देश गोबर में से भी दाना निकाल चुका थाबड़े से बड़े किसान की भी फसल निकल चुकी हैखलिहान से दलाल के गोदाम मेंचिप्‍स, पापड़, सूज्‍जी, टकाटक बननेगेहूं का दस दिन पुराना पौधा ताक रहा पानी खाद के लिएजैसे जनमौटी बच्‍चा घूमाता आंख गरदनऔर सरसो में भी तो फूल नहीं लगे हैंऔर इस ‘ताक’ को सूर्य-चन्‍द्र कभी नहीं समझेंगेवे करके अपनी गिनती आ…

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