आज रंजिता सिंह ‘फ़लक’ की कुछ प्रेम कविताएँ प्रस्तुत हैं, जिनसे हमारा परिचय करा रहे युवा कवि आशुतोष प्रसिद्ध। यह देखना सुखद है कि स्त्री की प्रेम कविता पर एक पुरुष इतना सहज और सुलझी हुई टिप्पणी दे रहा है। आप भी पढ़िए- अनुरंजनी ============================================= कामनाओं और इच्छाओं को पर्दे की ओट से महसूस करने वाला समाज यकायक किसी भी स्त्री स्वर की मुखरता स्वीकार करने में संकोच ज़रूर कर सकता है, पर उसे बेतर्क और अमर्यादित कहकर नकारने का समय अब बीत चुका है। स्त्रियां विचारों में खुल रही हैं, महसूस किया हुआ कह रही हैं। रंजीता सिंह ‘फ़लक’…
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इरशाद ख़ान सिकन्दर शायर हैं, आजकल उनके नाटकों की धूम मची हुई है। वे बहुत अच्छे क़िस्सागो भी हैं। यक़ीन न हो तो यह कहानी पढ़िए- मॉडरेटर =============================== नेटवर्क की समस्या के कारण बात करते-करते हनी बालकनी की तरफ़ आ गयी तभी सामने वाले घर से किसी प्रौढ़ महिला की आवाज़ सुनायी पड़ी। ‘’पहले प्याज़ छीलकर काट लो बारीक-बारीक, उसके बाद लाल होने तक भून लेना’’। और एक बुज़ुर्ग आकृति इधर-उधर डोलने लगी। हनी ने आकृति की तरफ़ ध्यान न देते हुए अपनी बात जारी रखी। ‘’सब मर्द साले एक से होते हैं। अनाड़ी नहीं हूँ मैं। और सुन! तू…
लगता है यह समय कोरियाई साहित्य की विश्वव्यापी प्रतिष्ठा का साल है। 10 अक्तूबर 2024 को हान को साहित्य का नोबेल मिलने की घोषणा वाले दिन ही यानी 10 अक्तूबर को ही कोरियाई अमेरिकी लेखिका किम जू हे को उनके पहले उपन्यास ‘बिस्ट्स ऑफ ए लिटिल लैंड’ के लिए रुस का ‘यासनाया पोलयाना लिटरेरी अवार्ड फॉर फॉरेन लिटरेचर’ का पुरस्कार मिला। इस पुरस्कार की स्थापना साल 2003 में लियो टोलस्टॉय के 175वें जन्मदिवस के अवसरा पर यासनाया पोलयाना लियो टोलस्टॉय एस्टेट-म्यूज़ियम और सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा किया गया था। किम जू हे के अलावा इस पुरस्कार के शॉर्ट लिस्ट में 10…
आज दशहरा है। आप सभी इसकी शुभकामनाएँ। आज पढ़िए राम-रावण युद्ध पर संजय गौतम का यह व्यंग्य लेख। संजय गौतम दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं और मूलतः व्यंग्यकार हैं। आप उनका यह लेख पढ़िए- मॉडरेटर ============================= दशहरा आते ही मेरी आध्यात्मिक प्रवृत्ति जागृत होने लगती है। उसका कारण बस यह है कि पाप-पुण्य के सवाल पर माथा चकराने लगता है। लगता है जो पाप हम किए जाते हैं उनकी तुलना में पुण्य, पता नहीं, आसपास भी ठहरेंगे या नहीं। पता नहीं, विधाता क्या फैसला करेंगे। उससे ज्यादा अहम सवाल यह उठता है कि रावण जैसा परमज्ञानी, शास्त्रज्ञ, शिवभक्त भी…
यह बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि हान कांग के पिता हान संग-वन भी कोरियाई भाषा के प्रसिद्ध लेखक हैं। पुत्री को नोबेल मिलने पर कोरियाई मीडिया में उनके पिता की जो प्रतिक्रिया आई है उसको मूल कोरियाई भाषा से हिन्दी में प्रस्तुत कर रही हैं कुमारी रोहिणी, जो जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में कोरियाई भाषा एवं साहित्य पढ़ाती हैं- मॉडरेटर ======================= मेरा मानना है कि किसी लेखक को उसकी भाषा का संस्कार कहीं ना कहीं उसके बचपने से ही मिल जाता है। एक लेखक यूँ ही लेखन नहीं करने लग जाता, उसके अंदर वह बीज उसके जन्म के पहले…
कोरियन भाषा की लेखिका हान कांग को साहित्य के नोबेल पुरस्कार दिये जाने की घोषणा हुई है। हान काँग को उनके उपन्यास ‘द वेजेटेरियन’ को प्रतिष्ठित मैन बुकर प्राइज मिला मिल चुका है। उसी उपन्यास और अनुवाद को लेकर यह लेख लिखा है जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में कोरियान भाषा की प्राध्यापिका कुमारी रोहिणी ने- ==================== जब हम अनुवाद की बात करते हैं या किसी लेखन का अनुवाद करने की शुरुआत करते हैं तब एक सवाल हमारे सामने मुँह बाए खड़ा हो जाता है (कम से कम मेरे संदर्भ में ऐसा ही है क्योंकि मैं एक प्रोफेशनल अनुवादक नहीं हूँ),…
रतन टाटा के निधन की खबर सुनकर मुझे हरीश भट की किताब ‘टाटा स्टोरीज़’ का ध्यान आया। यह किताब हिंदी में भी अनूदित है और पेंगुइन स्वदेश से प्रकाशित इस किताब का अनुवाद किया है डॉ संजीव मिश्र ने। आइये इस किताब से एक अंश पढ़ते हैं जिसमें यह बताया गया है कि किस तरह रतन टाटा ने इंडिका कार बनाने का सपना साकार किया था- मॉडरेटर ======================= प्रख्यात लेखक हरीश भट की किताब टाटा स्टोरीज़ का अनुवाद करते समय मुझे रतन टाटा को और गहराई से समझने का अवसर मिला। रतन टाटा भारतीय उद्यमिता को दुनिया में अव्वल साबित…
यह किसी भी रचना की महत्ता होती है कि वह पाठक को कितने समय तक और किस तरह से अपने से बाँधे रखती है।इसके साथ कई बार यह जुड़ाव किसी पात्र से भी हो सकता है। जुड़ाव ऐसा जिससे आप संवाद करना चाहें। इसमें अलग तरह की छटपटाहट महसूस होती है और संवाद की जगह एकालाप ले लेता है। गरिमा श्रीवास्तव का उपन्यास ‘आउशवित्ज़: एक प्रेम कथा’ भी कइयों के मन में बेचैनी उत्पन्न करने वाली रचना है। इसे पढ़ते हुए नायिका प्रतीति सेन से डॉ. सुमिता एकालाप कर रही हैं। आप भी पढ़ सकते हैं – अनुरंजनी ========================================================================= तुम्हारे…
आज पढ़िए एक लंबी कहानी। अनुकृति उपाध्याय की यह कहानी रहस्य-रोमांच से भरपूर लेकिन एक गंभीर कहानी है। अनुकृति हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में अपनी अलग तरह के कहन और शैली के लिये जानी जाती हैं। आप पढ़िए उनकी यह नई कहानी प्रखर युवा लेखिका प्रियंका दुबे की इस सारगर्भित टिप्पणी के साथ- ====================================== ‘अनुकृति उपाध्याय की लम्बी कहानी ‘प्रेम के रंग अनेक’ कई दृष्टियों से हिन्दी में हुआ एक नया और विलक्षण प्रयोग है. चौदह हजार शब्दों में फैले इसके आख्यान की यात्रा में ऐसे कई बिंदु आते हैं जब कहानी उस दुर्लभ इष्ट स्थान (जिसे हम स्वीट…
आज पढ़िए अंग्रेज़ी भाषा की कवयित्री यूनिस डिसूज़ा की कविताएँ जिनका अनुवाद किया है जाने-माने युवा लेखक किंशुक गुप्ता ने। पढ़िए पाँच कविताएँ- मॉडरेटर =========================== 1 स्त्रियों के लिए सलाह बिल्लियाँ पालो यदि तुम जानना चाहती हो प्रेमियों की तटस्थता तटस्थता हमेशा तिरस्कार नहीं होती— बिल्लियाँ अपनी लिटर ट्रे में लौटती हैं जब उनको ज़रूरत होती है. खिड़की पर खड़े होकर उनके प्रेमियों को गाली मत दो. उनकी बड़ी, हरी आँखों में व्याप्त सतत आश्चर्य तुम्हें अकेले मरना सिखा देगा 2 वृद्धाश्रम, सिडनी जब वो दुनिया में आए तब पत्थर की तरह ठंडे थे. उनके चेहरे काली बारिश से पटे…