Author: admin

महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की वेबसाईट \’हिंदी समय\’ पर तेजी ईशा ने उन पुस्तकों की सूची प्रस्तुत की है जो महात्मा गाँधी पढ़ा करते थे. हमने सोचा अपने पाठकों से भी साझा कर लें- मॉडरेटर.===============Abott, Lyman: What Christianity Means To Me: A Spiritual AutobiographyAdvice To A MotherJoseph Addison: EssaysRev. T.: James: Aesop\’s FablesAIi, Amir: History of The SaracensAli, Amir Syed: Spirit of Islam: A History of The Evolution and Ideals of IslamAllison, Dr, T. R.: Hygienic MedicineAllison, Dr: T. R.: Writings on Health and HygieneAndrew, Charles Freer: What I Owe To ChristAndrews, Charles Freer: Zaka Ullah of DelhiAnnual Report…

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हम अक्सर बड़े लेखकों से बातचीत करते हैं, पढ़ते हैं. लेकिन आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं बातचीत एक युवा लेखक प्रचण्ड प्रवीर से, जो भूतनाथ के नाम से भी लेखन करते रहे हैं. आईआईटी दिल्ली से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके जिसने लेखन को चुना, हिंदी में लेखन को. उसका पहला उपन्यास हार्पर कॉलिन्स से छपा- अल्पाहारी गृहत्यागी. सुपर 30 के शहर पटना में आईआईटी की तैयारी करते लड़कों के सपनों को लेकर. सर्वान्तेस के उपन्यास ‘डॉन किहोते’ की शैली में लिखा गया वह उपन्यास हिंदी में अपने ढंग का अलग प्रयोग है, अछूता विषय है. यह अलग बात…

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हम अक्सर बड़े लेखकों से बातचीत करते हैं, पढ़ते हैं. लेकिन आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं बातचीत एक युवा लेखक प्रचंड प्रवीर से, जो भूतनाथ के नाम से भी लेखन करते रहे हैं. आईआईटी दिल्ली से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके जिसने लेखन को चुना, हिंदी में लेखन को. उसका पहला उपन्यास हार्पर कॉलिन्स से छपा- अल्पाहारी गृहत्यागी\’. सुपर 30 के शहर पटना में आईआईटी की तैयारी करते लड़कों के सपनों को लेकर. सर्वान्तेस के उपन्यास \’डॉन किहोते\’ की शैली में लिखा गया वह उपन्यास हिंदी में अपने ढंग का अलग प्रयोग है, अछूता विषय है. यह अलग बात है…

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हम अक्सर बड़े लेखकों से बातचीत करते हैं, पढ़ते हैं. लेकिन आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं बातचीत एक युवा लेखक प्रचंड प्रवीर से, जो भूतनाथ के नाम से भी लेखन करते रहे हैं. आईआईटी दिल्ली से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके जिसने लेखन को चुना, हिंदी में लेखन को. उसका पहला उपन्यास हार्पर कॉलिन्स से छपा- अल्पाहारी गृहत्यागी\’. सुपर 30 के शहर पटना में आईआईटी की तैयारी करते लड़कों के सपनों को लेकर. सर्वान्तेस के उपन्यास \’डॉन किहोते\’ की शैली में लिखा गया वह उपन्यास हिंदी में अपने ढंग का अलग प्रयोग है, अछूता विषय है. यह अलग बात है…

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मैथिली और हिंदी के वयोवृद्ध साहित्यकार 82 वर्षीय मायानन्द मिश्रको ‘मंत्रपुत्र’ के लिए वर्ष 1988 में साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया था। डॉ. मिश्र को भारत सरकार के साहित्य अकादमी के अलावा बिहार सरकार द्वारा ग्रियर्सन अवार्ड भी मिल चुका है। वर्ष 2007 में उन्हें प्रबोध साहित्य सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। मिश्र का जन्म 1934 में बिहार के सहरसा जिला के बनैनिया गांव में हुआ। 1956 में प्रो. मिश्र ऑल इंडिया रेडियो पटना से जुड़े जहां उस समय के लोकप्रिय कार्यक्रम \’चौपाल\’ में उनकी जादुई आकर्षक आवाज समां बांध देती थी। वर्ष 1970 में उन्हें साहित्य…

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मैथिली और हिंदी के वयोवृद्ध साहित्यकार 82 वर्षीय मायानन्द मिश्रको ‘मंत्रपुत्र’ के लिए वर्ष 1988 में साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया था। डॉ. मिश्र को भारत सरकार के साहित्य अकादमी के अलावा बिहार सरकार द्वारा ग्रियर्सन अवार्ड भी मिल चुका है। वर्ष 2007 में उन्हें प्रबोध साहित्य सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। मिश्र का जन्म 1934 में बिहार के सहरसा जिला के बनैनिया गांव में हुआ। 1956 में प्रो. मिश्र ऑल इंडिया रेडियो पटना से जुड़े जहां उस समय के लोकप्रिय कार्यक्रम \’चौपाल\’ में उनकी जादुई आकर्षक आवाज समां बांध देती थी। वर्ष 1970 में उन्हें साहित्य…

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इंडिया हैबिटैट सेंटर द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रम कवि के साथ के 9वें आयोजन में आप सबको आमंत्रित करते हुए हमें हार्दिक प्रसन्नता हो रही है. इस बार का आयोजन 2 शामों का है. विवरण इस प्रकार है: 21 अगस्त 2013, पहली शाम, 7.00- 9.00 बजे : परिचर्चागुलमोहर सभागार, इंडिया हैबिटैट सेंटर, लोधी रोड विषय: बदलती हुई दुनिया में हिंदी कविता के 25 बरस विषय-प्रस्तावना : 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद दुनिया का और 1992 में बाबरी मस्जिद के ध्वंस के बाद भारत का परिदृश्य पहले की तुलना में बहुत तेजी से और बहुत दूर तक बदला है. बदलाव की इस तेज गति…

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इंडिया हैबिटैट सेंटर द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रम कवि के साथ के 9वें आयोजन में आप सबको आमंत्रित करते हुए हमें हार्दिक प्रसन्नता हो रही है. इस बार का आयोजन 2 शामों का है. विवरण इस प्रकार है: 21 अगस्त 2013, पहली शाम, 7.00- 9.00 बजे : परिचर्चागुलमोहर सभागार, इंडिया हैबिटैट सेंटर, लोधी रोड विषय: बदलती हुई दुनिया में हिंदी कविता के 25 बरस विषय-प्रस्तावना : 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद दुनिया का और 1992 में बाबरी मस्जिद के ध्वंस के बाद भारत का परिदृश्य पहले की तुलना में बहुत तेजी से और बहुत दूर तक बदला है. बदलाव की इस तेज गति…

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