मैथिली भाषा के प्रसिद्ध कवि, कथाकार, आलोचक जीवकांत जी का निधन हो गया. सहज भाषा के इस महान लेखक को अविनाश दास ने बहुत आत्मीयता के साथ याद किया है अपने इस जीवन से भरे लेख में. उनके लेख के साथ जीवकांत जी की स्मृति को प्रणाम- मॉडरेटर.==============पिछले दस सालों में जीवकांत जी के दस पोस्टकार्ड आये होंगे। मैंने शायद एक भी नहीं भेजा होगा। यह कर्तव्य निबाहने और कर्तव्य से चूकने का अंतर नहीं है। जीवकांत जी जैसे कुछ लोग हमेशा रिश्तों को लेकर सच्चे होते हैं और हम जैसे लोग मिट्टी के छूटने के साथ ही मिजाज से…
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फ्रैंक हुजूर ने कुछ साल पहले भारतीय उप-महाद्वीप के महानतम क्रिकेट खिलाडियों में से एक इमरान खान की जीवनी अंग्रेजी में लिखी थी और उसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई थी. इस बार वे ‘सोहो: जिस्म से रूह का सफ़र’ के साथ आये हैं जो सेन्ट्रल लन्दन के सेक्स स्टूडियोज और उससे जुड़े तमाम किरदारों और उनके काम करने के ढंग को लेकर है, एक रहस्यमयी दुनिया को लेकर रोचक किताब. \’हिंदी युग्म ने हाल के दिनों में हिंदी पुस्तकों से पाठकों को जोड़ने की जो स्वागतयोग्य पहल की है यह किताब उसकी एक कड़ी है. हिंदी युग्म के इस प्रयास…
फ्रैंक हुजूर ने कुछ साल पहले भारतीय उप-महाद्वीप के महानतम क्रिकेट खिलाडियों में से एक इमरान खान की जीवनी अंग्रेजी में लिखी थी और उसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई थी. इस बार वे ‘सोहो: जिस्म से रूह का सफ़र’ के साथ आये हैं जो सेन्ट्रल लन्दन के सेक्स स्टूडियोज और उससे जुड़े तमाम किरदारों और उनके काम करने के ढंग को लेकर है, एक रहस्यमयी दुनिया को लेकर रोचक किताब. \’हिंदी युग्म ने हाल के दिनों में हिंदी पुस्तकों से पाठकों को जोड़ने की जो स्वागतयोग्य पहल की है यह किताब उसकी एक कड़ी है. हिंदी युग्म के इस प्रयास…
कुछ समय पहले गीतकार शैलेन्द्र की कविताओं का संचयन प्रकाशित हुआ \’अन्दर की आग\’. शंकर शैलेन्द्र के नाम से प्रतिबद्ध कविता लिखने वाले इस कवि को ख्याति मिली गीतकार शैलेन्द्र के रूप में. इन कविताओं के माध्यम से एक और शैलेन्द्र से परिचय होता है. इस पुस्तक के सम्पादन और पहली बार शैलेन्द्र की कविताओं को हम पाठकों तक पहुंचाने का काम किया है रमा भारती ने. उसी संग्रह से कुछ कविताएँ- जानकी पुल.=========1.पूछ रहे हो क्या अभाव है पूछ रहे हो क्या अभाव है तन है केवल प्राण कहाँ है?डूबा-डूबा सा अंतर है यह बिखरी-सी भाव लहर है, अस्फुट…
कुछ समय पहले गीतकार शैलेन्द्र की कविताओं का संचयन प्रकाशित हुआ \’अन्दर की आग\’. शंकर शैलेन्द्र के नाम से प्रतिबद्ध कविता लिखने वाले इस कवि को ख्याति मिली गीतकार शैलेन्द्र के रूप में. इन कविताओं के माध्यम से एक और शैलेन्द्र से परिचय होता है. इस पुस्तक के सम्पादन और पहली बार शैलेन्द्र की कविताओं को हम पाठकों तक पहुंचाने का काम किया है रमा भारती ने. उसी संग्रह से कुछ कविताएँ- जानकी पुल.=========1.पूछ रहे हो क्या अभाव है पूछ रहे हो क्या अभाव है तन है केवल प्राण कहाँ है?डूबा-डूबा सा अंतर है यह बिखरी-सी भाव लहर है, अस्फुट…
महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की वेबसाईट \’हिंदी समय\’ पर तेजी ईशा ने उन पुस्तकों की सूची प्रस्तुत की है जो महात्मा गाँधी पढ़ा करते थे. हमने सोचा अपने पाठकों से भी साझा कर लें- मॉडरेटर.===============Abott, Lyman: What Christianity Means To Me: A Spiritual AutobiographyAdvice To A MotherJoseph Addison: EssaysRev. T.: James: Aesop\’s FablesAIi, Amir: History of The SaracensAli, Amir Syed: Spirit of Islam: A History of The Evolution and Ideals of IslamAllison, Dr, T. R.: Hygienic MedicineAllison, Dr: T. R.: Writings on Health and HygieneAndrew, Charles Freer: What I Owe To ChristAndrews, Charles Freer: Zaka Ullah of DelhiAnnual Report…
महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की वेबसाईट \’हिंदी समय\’ पर तेजी ईशा ने उन पुस्तकों की सूची प्रस्तुत की है जो महात्मा गाँधी पढ़ा करते थे. हमने सोचा अपने पाठकों से भी साझा कर लें- मॉडरेटर.===============Abott, Lyman: What Christianity Means To Me: A Spiritual AutobiographyAdvice To A MotherJoseph Addison: EssaysRev. T.: James: Aesop\’s FablesAIi, Amir: History of The SaracensAli, Amir Syed: Spirit of Islam: A History of The Evolution and Ideals of IslamAllison, Dr, T. R.: Hygienic MedicineAllison, Dr: T. R.: Writings on Health and HygieneAndrew, Charles Freer: What I Owe To ChristAndrews, Charles Freer: Zaka Ullah of DelhiAnnual Report…
हम अक्सर बड़े लेखकों से बातचीत करते हैं, पढ़ते हैं. लेकिन आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं बातचीत एक युवा लेखक प्रचंड प्रवीर से, जो भूतनाथ के नाम से भी लेखन करते रहे हैं. आईआईटी दिल्ली से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके जिसने लेखन को चुना, हिंदी में लेखन को. उसका पहला उपन्यास हार्पर कॉलिन्स से छपा- अल्पाहारी गृहत्यागी\’. सुपर 30 के शहर पटना में आईआईटी की तैयारी करते लड़कों के सपनों को लेकर. सर्वान्तेस के उपन्यास \’डॉन किहोते\’ की शैली में लिखा गया वह उपन्यास हिंदी में अपने ढंग का अलग प्रयोग है, अछूता विषय है. यह अलग बात है…
हम अक्सर बड़े लेखकों से बातचीत करते हैं, पढ़ते हैं. लेकिन आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं बातचीत एक युवा लेखक प्रचंड प्रवीर से, जो भूतनाथ के नाम से भी लेखन करते रहे हैं. आईआईटी दिल्ली से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके जिसने लेखन को चुना, हिंदी में लेखन को. उसका पहला उपन्यास हार्पर कॉलिन्स से छपा- अल्पाहारी गृहत्यागी\’. सुपर 30 के शहर पटना में आईआईटी की तैयारी करते लड़कों के सपनों को लेकर. सर्वान्तेस के उपन्यास \’डॉन किहोते\’ की शैली में लिखा गया वह उपन्यास हिंदी में अपने ढंग का अलग प्रयोग है, अछूता विषय है. यह अलग बात है…
मैथिली और हिंदी के वयोवृद्ध साहित्यकार 82 वर्षीय मायानन्द मिश्रको ‘मंत्रपुत्र’ के लिए वर्ष 1988 में साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया था। डॉ. मिश्र को भारत सरकार के साहित्य अकादमी के अलावा बिहार सरकार द्वारा ग्रियर्सन अवार्ड भी मिल चुका है। वर्ष 2007 में उन्हें प्रबोध साहित्य सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। मिश्र का जन्म 1934 में बिहार के सहरसा जिला के बनैनिया गांव में हुआ। 1956 में प्रो. मिश्र ऑल इंडिया रेडियो पटना से जुड़े जहां उस समय के लोकप्रिय कार्यक्रम \’चौपाल\’ में उनकी जादुई आकर्षक आवाज समां बांध देती थी। वर्ष 1970 में उन्हें साहित्य…